School Education
मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले डॉक्टर सूरज सिंह नेगी राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी है एवं वर्तमान में विशिष्ठ सहायक, सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राजस्थान सरकार के पद पर कार्यरत हैं। डॉ नेगी प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। डॉक्टर सूरज सिंह नेगी पिछले पिछले कई सालों से साहित्य लेखन का काम कर रहे हैं एवं अब तक पांच उपन्यास सहित एक कहानी संग्रह, संस्मरण, एक दर्जन से अधिक कहानियाँ, निबंध, आलेख, समीक्षा, लघु उपन्यास, कई आर्थिक और सामाजिक विषयों पर आलेख लिख चुके हैं। साहित्यकार डॉ. सूरज सिंह नेगी द्वारा गुम होती पत्र विधा को पुनर्जीवित करने के लिए चलाया गया “पाती लेखन अभियान” खासी चर्चाओं में है।
डॉ नेगी के लेखन की विषय वस्तु वृद्ध विमर्श, सामाजिक सरोकार, जीवन मूल्य है। इनकी रचनाओं में आंचलिकता का प्रभाव देखने को मिलता है। रचनाओं में प्रकृति चित्रण पाठकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। लेखन में यथार्थ और आदर्श का चित्रण दिखाई देता है। डॉ नेगी के कथा साहित्य को केंद्र में रख कर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध कार्य सम्पन्न हो चुके है। इनकी रचनाओं का उर्दू, राजस्थानी, मराठी एवं गुजराती भाषा में अनुवाद भी हो चुका है।
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मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले डॉक्टर सूरज सिंह नेगी राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी है एवं वर्तमान में ….. के पद पर कार्यरत हैं। डॉ नेगी प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। डॉक्टर सूरज सिंह नेगी पिछले पिछले कई सालों से साहित्य लेखन का काम कर रहे हैं एवं अब तक पांच उपन्यास सहित कहानियां, संस्करण, निबंध, आलेख, समीक्षा, लघु उपन्यास, कई आर्थिक और सामाजिक विषयों पर आलेख लिख चुके हैं। साहित्यकार डॉ. सूरज सिंह नेगी गुम होती पत्र विधा को जीवित करने के लिए चलाया गया “पाती लेखन अभियान” खासी चर्चाओं में है।
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